My Poems
Wednesday, February 22, 2012
Shayari
फ़िज़ा कभी रंगीन नज़र आने लगे तो वो इश्क़ है
घनी धूप में भी अगर इंद्रधानी दिख जाए तो वो इश्क़ है
मुद्दत गुज़र जाए इंतज़ार में किसिके तो वो इश्क़ है
और बिन वार किए दिल में दर्द उठ जाए तो वो इश्क़ है !!!
Saturday, February 18, 2012
Shayari
हर पेड़ पे डाली होती है
हर इंसान की परछाई काली होती है
डाली तो फिर भी फूलों से भरी होती है
इंसान के परछाई हमेशा खाली होती है !!
Monday, February 6, 2012
नज़्म लिखते लिखते कलम की सियाही ख़त्म हो गयी..
कम्बख़त दिल का दर्द फिर भी रह गया !!!
Newer Posts
Older Posts
Home
Subscribe to:
Posts (Atom)