Wednesday, February 13, 2013

मेरी आँखें

किस जुर्म में छीनी गयीं मुझसे मेरी आँखें
 उन में तो कोई ख्वाब सजाए भी नहीं थे...
 क्यूँ लूट गयी उजालों से रोशनी इस कदर
 हमने तो कभी अश्रु बहाए भी नहीं थे

अंधेरों में यूँ झोंको ना मुझे ए बेरहम
 अपने भी कभी लगते पराए भी नहीं थे
 किस जुर्म में छीनी गयीं मुझसे मेरी आँखें
 उन में तो कोई ख्वाब सजाए भी नहीं थे...!!

मोहोब्बत

मोहोब्बत अगर मज़बूत हो तो हम आँधी तूफान सह जाते हैं
 मोहोब्बत अगर मज़बूत हो तो हम आँधी तूफान सह जाते हैं,
 मोहोब्बत अगर कमज़ोर हो तो पानी की बूंदे भी सैलाब लाते हैं !!

Tuesday, February 12, 2013

Dil ka Dard

सब्र का फूल कब तक निखरेगा
 एक दिन ज़ख़्म दिल में दर्द को बिखरेगा,
 चेहरे पे शिकन छिपा लूं कितना भी
 उन लम्हो को याद कर ज़र्द तो निकलेगा !!

ज़ख्म

सिल गये ज़ख्म दिल के साथ साथ
कभी ना बाहर आनेको,
 तड़प रही है रूह मेरी अब
 सज़ा-ए-दर्द छिपाने को !!