Tuesday, June 26, 2012

Rishtey

भीड़ में कुछ लोग हौसला खो देते हैं
मंज़िल करीब हो तो भी वो अपना रुख़ मोड़ लेते हैं
रह जाती है तो वो कशिश जो मंज़िल को चूमना चाहती थी
नाज़ुक मोड़ पे ही तो कम्भखत नाज़ुक रिश्ते तोड़ लेते हैं !!

Sunday, June 10, 2012

Shayari...

गीत सभी गुनगुना लेते हैं लेकिन गा बहुत कम पाते हैं
 हौसला जिसके अंदर हो गुरु वही सिर्फ़ मंज़िल को पाते हैं !!

Friday, June 8, 2012

Samundar ke Kinare..

समुंदर के किनारे खड़े
खामोशी में दिल ये कहे
दिल जानो जिगर से चाहा है तुझे
क्यूँ हो तब अब ऐथ पे अड़े

दिल लगाने की अब
कितनी दोगे तुम सज़ा
खुशी भी अब हमसे
लगती है कुछ खफा
इंतेज़ार अब इस बात का है मुझे
सब भुला के अब लगा ले गले

समुंदर के किनारे खड़े
खामोशी में दिल ये कहे

प्यार क्या है सिर्फ़ तुमसे ही जाना है
सच तो ये है की प्यार तुमसे फिर पाना है

दिल आवाज़ दे रहा है अब कह भी दे
रुसवाई को अब ना और तू तह दे

समुंदर के किनारे खड़े
खामोशी में दिल ये कहे
दिल जानो जिगर से चाहा है तुझे
क्यूँ हो तब अब ऐथ पे अड़े !!

Thursday, June 7, 2012

Shayari

नज़रों से पिलाती भी हो और शम्मा जलाए बिन सुलाती भी हो
 चिलमन में ही गर छुपे रहना है तो फिर महफ़िल सजाती क्यूँ हो !!