Tuesday, July 17, 2012

Armaan

तेरे दिल की जेल में क़ैद हूँ मैं
मेरी मोहोब्बत को ठुकरा कर मुझे रिहा मत करना
दिल का अरमान है की ता उमर ही बिता दूँ मैं दिल में तेरे
मौत की सज़ा दे मेरे इन अरमानो का क़त्ल ना करना !!

Saturday, July 14, 2012

Monsoon

बारिश की जब बूंदे पड़ीं
दिल बोला चल छुप ले कहीं

भीग गये तो ज़ुकाम हो जाएगा
काम काज को छोड़ डॉक्टर याद आएगा

बारिश को कोस हम चल पड़े छुपने कहीं
नज़र पड़ी एक किसान पे जो खड़ा था वहीं

देख आसमान को हाथ फैलाए वो दुआ देने लगा
जेब में रखा कपड़ा निकाल वो ज़ोर ज़ोर रोने लगा

इस बार खेती कर दो आनाज़ मैं उगायूंगा
दो वक़्त की रोटी मिल जाएगी इतना धन मैं कमायूंगा

शायद मेरा कोई अपना पैसो के अभाव में ना मर जाएगा
आज हर किसान लगान का घनन घनन फिर गाएगा

उस किसान की बातें सुन मैं भाव विभोर हो गया
ज़ुकाम का डर तो मानो बूँदो के साथ कहीं बह गया !! --Aj

Tuesday, July 10, 2012

Dil Aur Mohobbat

अगर दिल में मोहोब्बत होती है तो फिर क्यूँ मोहोब्बत को याद कर दिल रोता है
मंज़िल में राह तो होती है पर उस राह में चलकर क्यूँ अक्सर इंसान खुद को खोता है !!