फूल ने गुज़ारिश की मुझसे उसकी तरह खिल के हस्ने को फूल ने गुज़ारिश की मुझसे उसकी तरह खिल के हस्ने को मैने कह दिया वो हसी ही क्या जो खिल के कल मुरझा जाए !! --Aj
मुझसे मत पूछना की तुमसे कितना मोहोब्बत करता हूँ मैं मुझसे मत पूछना की तुमसे कितना मोहोब्बत करता हूँ मैं सुना है की सीमाओं के भी बंदिशे होती हैं !! --Aj
किस जुर्म में छीनी गयीं मुझसे मेरी आँखें
उन में तो कोई ख्वाब सजाए भी नहीं थे...
क्यूँ लूट गयी उजालों से रोशनी इस कदर
हमने तो कभी अश्रु बहाए भी नहीं थे
अंधेरों में यूँ झोंको ना मुझे ए बेरहम
अपने भी कभी लगते पराए भी नहीं थे
किस जुर्म में छीनी गयीं मुझसे मेरी आँखें
उन में तो कोई ख्वाब सजाए भी नहीं थे...!!
मोहोब्बत अगर मज़बूत हो तो हम आँधी तूफान सह जाते हैं मोहोब्बत अगर मज़बूत हो तो हम आँधी तूफान सह जाते हैं, मोहोब्बत अगर कमज़ोर हो तो पानी की बूंदे भी सैलाब लाते हैं !!