Tuesday, April 30, 2019

Shayari

आज बड़े दिनों बाद जब उठायी कलम,
कागज़ पे दिखी तो सिर्फ सिहाई |
अलफ़ाज़ तो मानो ख़ुदकुशी कर बैठे थे ,
मिट गए थे अरमान और मिट गयी थी लिखाई ||